THE BEST SIDE OF HINDI STORY

The best Side of hindi story

The best Side of hindi story

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गोलू के घर में एक शरारती चूहा आ गया। वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागा चलता था। उसने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। गोलू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती , वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था, उसने शरबत पीना था।

is really a compelling exploration of your cultural dichotomies and also the evolving landscape of one of several oldest and many revered cities in India.

यह किसी ऐसे फ़ेबल जैसी कहानी है जो हिंदी कहानी के इतिहास में हमेशा बनी रहेगी. इसे पढ़ते हुए आधुनिक-सभ्यता के उन पूर्व दार्शनिकों का कथन याद आता है : 'एवरीवन इज़ डिसीविंग दि अदर एंड एवरीवन इज़ डिसीव्ड बाय दि अदर.

मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।

सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन ला कर देता।

इमेज कैप्शन, मंटो की इस कथा संग्रह में टोबा टेक सिंह, काली सलवार और तमाशा जैसी कई कहानियाँ संकलित हैं.

बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और कमेटी के नल मोहन राकेश

उत्तर प्रदेश की नई डिजिटल नीति पर क्यों उठ रहे सवाल, क्या दूसरे राज्यों में भी है डिजिटल पॉलिसी

रामकृष्ण परमहंस उस वृक्ष के नीचे गए और विषधर को बुलाया। विषधर क्रोध में परमहंस जी के सामने आंख खड़ा हुआ। विषधर को जीवन का ज्ञान देकर परमहंस वहां से चले गए।

दोनों में भयंकर युद्ध हुआ पर अंत में सब धरती वासियों ने इतनी जोर से नगाड़े और ढोल बजाये की मेंढक डर कर भाग गया और का-संगी जीत गई।  इसीलिए आज भी उस प्रजाति के लोग सूर्य ग्रहण पर ढोल नगाड़े बजा कर सूर्य की मदद करते हैं।  

अचानक हिरण का झुंड तालाब में पानी पीने आया। ढेर सारी हिरनिया अपने बच्चों के साथ पानी पीने here आई थी।

Final Up to date on: 29/06/2024 by Hindi Vibhag Right now we're crafting Hindi brief tales with moral values for teenagers. These tales are only for teenagers as well as penned in that lucid language. These Hindi stories with morals can also be practical for teachers.

शांति ने ऊब कर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क

is not merely a historical account but serves as a robust commentary on the complexities of identification, belonging, and the implications of political decisions about the lives of prevalent men and women.

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